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2021 ganesh visarjan kab hoga: गणेश विसर्जन क्यों किया जाता है और क्या लाभ है

संसार में गणपति बप्पा  के महोत्सव की शुरूआत हो चुकी है। हर जगह, हर गली ,हर घर में  गणपति बप्पा मोरिया का जयकारा सुनाई दे रहा है गणपति बप्पा को गणेश चतुर्थी के दिन ढोल नगाड़ा और नाच गाने के साथ घर-घर में स्थापित किया जाता है  दस दिनों तक उनकी पूजा और अर्चना की जाती है। और गणपति बप्पा को  अनेक तरह का भोग लगाया जाता है। और पूरे दुमधाम से बप्पा का विसर्जन किया जाता है। धीरे-धीरे समय बीत जाने  के बाद वो पल आ गया जब गणपति बप्पा की विदाई का समय आ गया। गणेश चतुर्थी की तरह गणेश विसर्जन भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।  देश मे सभी भक्त शुभ मुहूर्त के अनुसार से गणपति बप्पा  का विसर्जन करते हैं । 10 दिनों तक बप्पा को अपने घर में रखने के बाद  एक दिन  विसर्जन किया जाता है।इस साल बप्पा   का विसर्जन 19 सितंबर को किया जाएगा। गणपति बप्पा को घर से विदा करना भक्तों के लिए काफी कष्टदायक क्षण होते हैं। गणपति बप्पा घर में परिवार के सदस्य की तरह रहने के बाद उन्हें विदा करना  उनके भक्तों को अत्यंत दुखी   कर देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं  की गणपति जी स्थापना और गणपति जी को  विसर्जित  क्यो  किया जाता है आइए जानते हैं कि इसके पीछे की कहानी। और गणपति बप्पा को जल में ही क्यों विसर्जित किया जाता है। 

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गणपति बप्पा का विसर्जन क्यो किया जाता है(story of ganpati visarjan) 

गणपति बप्पा के महोत्सव का आखरी दिन गणेश विसर्जन की परंपरा  की जाती है। भाद्रपद  महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को  घर- घर में गणेश जी की स्थापना की गई थी। अब उनके पूजा अर्चना के बाद अब उनके विसर्जन का वक्त आ गया है इस साल गणपति विसर्जन  का समापन अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर को मनाया जाएगा है। विसर्जन के दिन गणपति की मूर्ति को नदी , समुद्र या जल में विसर्जित किया जाता है।

 इसके पीछे एक  पौराणिक कथा है माना जाता है कि श्री वेदव्यास जी ने  महाभारत के  दृश को अपने अंदर समाहित कर लिया था महर्षि वेदव्यास जी महाभारत लिखने में असमर्थ  थे उन्हें किसी ऐसे  की आवश्यकता थी जो बिना रुके महाभारत को पूरा लिख सके। महर्षि वेदव्यास जी ने परेशान होकर ब्रह्मा जी से प्रार्थना की। हे ईश्वर मुझे ऐसा कोई चाहिए जो महाभारत को बिना रुके पूरा लिख सके। ब्रह्मा जी ने उन्हें गणेश जी के बारे में बताएं। गणेश जी अति बुद्धिमान थे। उनकी बुद्धिमानी के कारण उनको बुद्धि का देवता भी कहा जाता था। महर्षि वेदव्यास जी गणेश जी के पास गए। उन्होंने उनसे प्रार्थना की महाभारत लिखने की, गणेश जी ने महर्षि वेदव्यास जी की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया
महर्षि वेदव्यास जी ने गणपति बप्पा को गणेश  चतुर्थी के दिन से महाभारत की कथा सुनाना शुरु की थी ।उस समय बप्पा उसे लिख रहे थे । कहानी सुनने के दौरान महर्षि वेदव्यास जी आंख बंद करके गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे। और गणपति जी लिखते  रहे । महाभारत की कथा खत्म होने के 10 दिन बाद जब व्यास जी ने आंखें खोली तो देखा की गणेश जी का शरीर का तापमान काफी अधिक बढ़ गया  था।ऐसे में महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश जी के शरीर को ठंडा करने के लिये जल में डुबकी लगाई ।तभी से यह मान्यता है कि  दासवे दिन गणेश जी को शीतल करने के लिए उनका विसर्जन  जल में किया जाता है। 

गणेश विसर्जन से क्या लाभ होता है-

1. गणेश विसर्जन से हमें यही सीख मिलती है कि मानव का यह जीवन  एक चक्र के रूप में चलता है। इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उसको  एक ना एक दिन जरूर जाना होगा। विसर्जन का अर्थ है अपने अंदर के मोह - माया  का त्याग करना है 
2. भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है इस संसार में जितने  भी प्राणी है मूर्ति देवी देवताओ की उन सभी मे मै बसता हु, ये सभी प्राणी मेरे से शुरू है और मेरे पर ही खत्म हो जाते है , जल मे मूर्ति का विसर्जन करने से जल में घूलकर परमात्मा  के स्वरूप मे मिल जाना है। 
3. गणपति बप्पा को बुद्धि का देवता माना जाता है गणपति बप्पा स्वयं को जल में विसर्जित करके अपने आकार को इस निराकार मे मिला देते है 
4. गणपति विसर्जन का अर्थ यह है कि लोग अपने अंदर की बुरे कर्मों को विसर्जन के साथ-साथ अपने अंदर की बुराइयों को खत्म कर दे। 
5.आने वाले अगले साल मे गणपति बप्पा आपके घर में  खुशियां और समृद्धि लाए

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