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गुस्से को काबू करने के सिर्फ पांच तरीके - How to contorl anger to hindi


गुस्से को काबू करने के  तरीके

How to  contorl  anger to  hindi 

Lifeappki
 
प्रतेक  व्यक्ति यह चाहता है की ,खुस रहे चैन से रहे  इसके लिये 
 वह यत्न भी बहुत करता है यहयह बिलकुल  इस तरह से हो रहा है की जैसे एक व्यक्ति अपने बीमारी की दवा लेने जाता है डॉक्टर उसे दवा के साथ कुछ परहेज भी बताता है यदि वह व्यक्ति पहेज भी अपना लेता है तो वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है परन्तु यदि परहेज नहीं अपनाता तो दवा अपना काम नहीं कर सकेगी इसी प्रकार सुख सन्ति तो सभी चाहते है परन्तु उसे पाने के त्याग करना पड़ ता है वह कर नहीं पाते जबकि वही सबसे आवशयक है गुस्सा कभी  घर  में सुख शन्ति नहीं आने देता हमें भी अंदर से खोखला कर देता है गुस्से में वक्ति कई बार ऐसा अनर्थ कर देता है जिससे उसे जीवन भर पछताना पड़ता है गुस्सा करने से हमारे स्वस्थ पर बुरा असर पड़ता है जिससे हमारा दिल और दिमाग का संतुलन ख़राब हो जाता है  गुस्से को काबू करने के कुछ तरीके बताना चाहती  हु
 

गुस्से को काबू करने के सिर्फ पांच तरीके 

How to  contorl  anger to  hindi 

1.दूसरो की गलतियों क्षमा  करना

क्यों न इस क्रोध रूपी हानि से बचने का प्रयास करे जिसके रहते अशांति और तनाव बढ़ता है कभी शांति प्राप्ति नहीं होती जब भी गुस्सा आता है किसी न किसी पर गरूर उतरता है इससे हमारा हमारे अपनों का  मन दुखी होता है साथ में घर का वातावरण भी ख़राब हो जाता है यदि उस पल स्वम को  संभाल  ले सही समय पर उस मुद्द्दे को उठाये तो बात नहीं बिगड़ती है  और घर का वातावरण सही हो जाता  है और घर में मायूसी की जगह  हंसी का आगमन होता है और अपनों पर कैसा गुस्सा अपने तो अपने है यह शोक कर उन्हें क्षमा कर देना चाहिए 

2.दुसरो की बातो को सहन करना 

हम सब कुछ सहन कर सकते है परन्तु अपनों की दी है पीड़ा नहीं  

जैसे की एक बार सोने के एक टुकड़े  ने लोहे के टुकड़े से पूछा , हथौड़ा  तुम्हे पीटता है और मुझे भी ,मैं  तुमसे कही ज्यादा नाजुक हु परन्तु फिर भी जब तुम पर चोट पड़ती है तो तुम इतना क्यों चिल्लाते हो  ,सोने ने कहा मै तो ऐसा नहीं करता हु तब लोहे ने कहा तुम नहीं समझ नहीं पाओगे जो अपनों की दी हुए चोट होती है वह असहृा होती है  यह सुनकर सोने का टुकड़ा  चुप हो जाता है ऐसी तरह कोई कितना भी बुरा बोले तो उसे  सहन  करना हमारे दिल लोहे की लगी चोट के सामान है इससे गुस्सा नहीं आता है 

3. एकांत में बैठ कर सोचे

प्रया : हमें गुस्सा किसी भूल के कारण  आता है अब सोचिये भूल कहते किसको है जो भूल जान बूझ कर न की  गयी हो भला किसी को उसके लिए दंड क्यों दिया जाऐ  हम उस पर गुस्सा क्यों करे जो हुआ ही गलती से हो ऐसे में क्षमा कर देना ही बेहतर है इससे हमारे मन को शांति मिलेगी प्र्त्येक  इंसान भूले तो होती रकती है यदि इंसान भूल के ड ड र  से कुछ करना ही बंद कर दे तो तो जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता यदि इंसान भूल करना बंद कर दे तो फिर तो वो भगवान बन जाये गुण और अवगुण तो हर व्यक्ति में होता है यदि हम उसके अवगुणो को न देखते हुए गुणों को देखना चाहिए परन्तु क्षमा करने वाला व्यक्ति सदैव ऊंचा  ही रहता है 

4.गुस्सा आने पर स्थान को छोड़ कर चले जाये 

 गुस्सा आने पर स्थान को छोड़ कर किसी एकांत में जा कर बैठ या सो जाये जिससे आने  वाला  गुस्सा ख़तम हो जाता है आपको जो भी अच्छा लगता हो आप वो काम करिये जिससे आपका मन  संत हो जायेगा यदि आप ऐसा कर पाते है तो आप सब कुछ प् लेते है यदि नहीं कर पाते तो किसी का क्या जाता है स्वंम को हानि पंहुचा रहे होते है

5. यदि कोई गुस्से में देखे तो मुस्कुरा दे

गुस्से के कारण पता नहीं कितने घर ,कितने परिवार नष्ट हो चुके है क्योकि गुस्से के समय बुद्धि का विनाश हो जाता है पता नहीं इंसान क्या करे इसने पता नहीं कितने घर जला दिए अब तो हम इसी छोड़ ही दे यदि कोई आपको बोलता है तो मुस्कुरा  दे जिससे समाने वाले वक्ती को आपको देख कर अफ़सोस हो मैंने क्यों उसे बुरा भला बोला

वैसे भी जहा गुस्सा होता है वहा  कभी सुख नहीं होता है 

किसी के काम आये, उसे इंसान कहते है ,
पराया दर्द अपनाए ,उसे इंसान कहते है ,
बशर गलतियों का पुतला है ,यह अक्सर हो ही जाता है ,
गलती करके जो पछताए ,उसे इंसान  कहते है ,

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