Moral Hindi Story
बहुत समय पहले दिल्ली शहर में एक परिवार रहता था। जिसकी दो बेटियां कोमल और छाया थी और एक लड़का मोहित था यह परिवार समाज में अपने मान -मर्यादा के लिए बहुत ही ज्यादा जाना जाता था आज के समय में भी वह पुराने सोच और पुराने ख्यालतो में जी रहे थे
आज के समय में भी वह लड़का और लड़कियो में भेदभाव रखते थे उन्होंने अपने लड़के मोहित को एक अच्छे कॉलेज में पढ़ाया लिखाया दूसरी तरफ बेटियो कोमल और छाया को घर के कामो के आलावा उन्हें पढ़ाई - लिखाई का एक शब्द ही नहीं पता था कोमल अपने भाई को पढ़ता देखती तो उसकी भी इच्छा थी की वो भी स्कूल जाकर पढ़ाई करे
उसके पापा कहते लड़किया क्या करेंगी पढ़ाई - लिखाई कर के उन्हें तो आगे जीवन भर घर का काम ही करना होगा खाना ही बनाना होगा। ये पढ़ाई - लिखाई तुम्हरे बस की नहीं है लड़के तो पढ़ कर एक अच्छी जॉब करते है लड़का तो हमे कमा कर जीवन भर खिलायेगा इस लिए मैं अपने लड़के को ही पढ़ाया हु मोहित को पूरी आजादी थी घूमने फिरने की वह कब घर से जाता -आता कोई नहीं बोलने वाला था धीरे - धीरे समय बीतता गया
मोहित पुरे दिन धूमता और अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता था उसके पापा उसे देखकर बहुत ज्यादा परेशान होते। उनको अपना आने वाला कल दिखने लगा की मेरा बेटा मोहित कोई काम नहीं करता है अब क्या होगा हमारा ये तो नालायक निकल गया। उसी की चिंता में कुछ समय बाद ही कोमल के पापा की तबियत दिनों के दिन ख़राब होने लगी
घर में सारा रखा धन उनकी बिमारी में लग गया उसका भाई मोहित यह सब देखता रहता था फिर भी उसे अपनी जम्मेदारी का एहसास नहीं होता था वह पुरे दिन घूमने और दोस्तों के साथ मस्ती में बिता देता था और उनके घर की हालत दिनों के दिन और बुरी हो गई।
कोमल को यह सब देखकर उसे बहुत बुरा लगता था की उसके पापा की तबियत खराब है दवा लेने के लिए पैसे भी नहीं है अपने पापा से बोलती की मै काम करने जाऊगी जिससे दो पैसे मिल जायेगे और आपका इलाज भी करवा दूगी और घर में कुछ खाने को अ जाएगा इतने कहते ही उसके पिता के आँखो में आँसू आ गया और बोले मैंने तो तुम्हे पढ़ाया - लिखाया भी नहीं तुम कौन सा काम करुगी। कोमल ने बोला किसी के घर जा कर खाने बनाने का काम कर लूगी
अगले दिन वह काम की तलाश में चली गई वहा एक कम्पनी में पहुंची और वह के सर से बोली सर मुझे कुछ काम दे दो सर बहुत समय तक सोचता रहा और बोला क्या नाम है तुम्हरा उसने बोला कोमल ,तुम कौन सा काम कर लोगी , कोमल सर आप जो बोलो , सर ने बोला कम्प्यूटर पर काम करना है और लोगो से English में बाते करना है और हमारे कंपनी के बारे में तुम्हे दुसरो को प्रोत्साहित करना है ये सब कर लोगी
यह सुनकर कोमल ने बोला सर मैं अनपढ़ हु मुझे पढ़ाई के बारे में एक शब्द नहीं आता और ये English क्या होती है मुझे तो अपना नाम तक नहीं लिखने आता मै यह काम नहीं कर सकती हु अभी मुझे पैसे की बहुत जरूरत है आप मुझे कोई और काम दे दो
सर ने पूछा क्या तुम्हे English सीखनी है तुम्हे पढ़ना है कम्प्यूटर सीखना है कोमल की बचपन से इच्छा थी की वो पढ़ाई करे कोमल ने कहा है मै सीखूंगी लेकिन सर मुझे पैसे की बहुत जरूरत है सर ने बोला पहले तुम सारे स्टाफ के लिए चाय बनाकर दे देना उसके बदले तुम्हे महीने के 4000 रूपये मिलेंगे और उसके बाद तुम्हे पढ़ाई -लिखाई और इंग्लिश कम्प्यूटर सीखना होगा वह बोली ठीक है सर
अगले दिन से उसने काम पर जाना और अपनी पढ़ाई - लिखाई आरम्भ कर दी। तीन महीनो तक उसने अपने घर और अपनी पढ़ाई के लिये रात -दिन एक कर दिया उसने अपने लक्ष्य के प्रति बहुत परिश्रम किया। और उसे अपने आप पर आत्मविश्वाश था की एक दिन सफलता जरूर मिलेगी
अब वह कंपनी में एक अच्छी पोस्ट पर काम कर रही थी उसने अपने सर का बहुत धन्यवाद किया और बोली दुनिया में भगवान् की कमी नहीं है मेरे लिए तो भगवान् आप हो। सर ने कहा मैंने तो कुछ नहीं किया जो किया तुमने किया है क्योकि तुम्हरे अंदर पढ़ने की लालसा थी जो तुम्हे तुम्हरे लक्ष्य के तरफ ले गया
आज उसके पापा उसको शबशी देते नहीं थकते और बोलते जो मैंने तुम्हे पढ़ाया -लिखाया नहीं यह मेरी कितनी बुरी सोच थी अब उन्होंने अपनी छोटी बेटी छाया को भी पढ़ाने का निर्णय लिया और कहते आज के युग में लड़किया किसी से काम नहीं है लड़किया लड़को से कन्धा मिलाकर चल सकती है
आज कोमल अपने दम पर अपनी बहन छाया को पढ़ाया और उसे समाज में अपने पैरो पर खड़ा किया और की वह अपनी पहचान बना सके
सफलता को पाने की कोई उम्र नहीं होती अगर आपको जीवन में कुछ करना है तो हिम्मत और लगन से करो कामयाबी आपके कदम चूमेगी और संसार में अलग पहचान बनाओ जैसे कोमल ने बनाई कोमल एक अनपढ़ थी उसे तो पढ़ाई का आ भी नहीं पता था लेकिन उसने हार नहीं मानी और उसके सर ने पहचान लिया था की यह लड़की के अंदर पढ़ाई करने की कितनी लगन है
आज कोमल English में बाते करती है कोमल ने समाज में अपनी जगह बनाई कोमल को पढ़ाई करने का मौका बचपन से नहीं मिला क्योकि उसके घर वालो के विचार अच्छे नहीं थे
लेकिन दोस्तों आज के माता - पिता बच्चो को स्कूल भेजते है लेकिन आज के बच्चे पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते है अगर आपको कुछ जीवन में करना है तो पूरी लगन से पढ़ाई करो जिससे संसार में तुम अपनी अलग पहचान बनोओ जिससे लोग आपको आपके नाम से जाने और आपकी तुलना दे उनके तरह बनो
अगर दोस्तों आपको इस कहानी से सीख मिलती है तो मुझे comment करे
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