आत्मविश्वाश एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही मन में सकारात्मक भावना आना शुरू हो जाती है जब आपके अंदर आत्मविश्वाश होता है तो आपको हर काम में सफलता मिलती है जीवन में कोई काम करना हो अगर सही तरीके से करना है तो आत्मविश्वाश के बिना नहीं कर सकते। क्या आइये जानते है कि आखिर क्या होता है आत्मविश्वास, क्यों जरूरत होती है हमें आत्मविश्वाश की, यह किस तरह से हमारे जीवन में सफलता की उचाइयो तक ले जाती है आत्मविश्वाश का मतलब क्या होता है, आत्मविश्वाश कितनी बढ़ गई, आत्मविश्वाश की कमी क्यों होती है। , कैसे आत्मविश्वाश को प्राप्त करे और कैसे आत्मविश्वाश सफलता के लिए आवश्यक है
आत्मविश्वाश क्या है और परिभाषा?
स्वयं पर यकीन , स्वयं पर विश्वास होना , जिस को स्वयं पर यकीन न हो वह व्यक्ति कभी भी कामयाब नहीं हो सकता है सफल होने के लिए स्वयं पर विश्वाश होना बहुत जरुरी है यदि हमें स्वयं पर विश्वाश हो की मै ये काम कर सकता हु अपने आत्मविश्वाश को टूटने न दे और अपना विश्वाश उस काम के प्रति बना के रखे तो हमें अवश्य ही सफलता मिलेगी यदि पहले ही हम अपने मन में सोच ले की हम ये काम हम नहीं न कर पाएंगे और ये काम हमसे हो पायेगा की नहीं ,आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लो आप काम को आरम्भ ही नहीं कर पाओगे यदि मज़बूरी में काम को आरम्भ कर भी लिए तो आपको सफलता कभी मिलेगी नहीं तो आखिर में हमें असफलता के आलावा कुछ भी नहीं मिलेगी
कैसे मेरे आत्मविश्वाश को बढ़ाने के लिए आत्मविश्वाश क्यों जरुरी है
हम सभी के मन में सवाल होते है की कैसे मेरे आत्मविश्वाश को बढ़ाने के लिए आत्मविश्वाश क्यों जरुरी है यह आत्मविश्वाश और हिम्मत ही तो है जो हमें इस समाज में और इस संसार में जीने के योग्य बनाता है यह हमारा हौसला और आत्मविश्वाश ही तो होता है जो हमें मुश्किल समय में में जीने की प्रेरणा देता है के बार हमारे जीवन में बहुत कष्ट अ जाते है परन्तु हम उस मुश्किल समय को भी सहन कर के अपनी हिम्मत नहीं हारते है क्योकि कोई न कोई आशा होती है जिस सहारे से हम अपने जीवन को जिए चले जाते है हमारा आत्मविश्वाश हमसे यही कहता है की रात का मेहमान होता है अँधेरा, किसके रोके रुका है सवेरा - इसका अर्थ यही है जिस तरह हमारे जीवन में मुश्किल समय होता है और हम उन मुश्किल समय में अपने आत्मविश्वाश को मजबूत नहीं बना पाते है यह समय रात के अँधेरे के सामान होता है जैसे रात में अँधेरा होने के बाद हमें इतना पता होता है की यह अँधेरा कुछ ही पलों का है, इसके बाद सवेरा ही होगा ,हमें इतना अपने आप पर आत्मविश्वाश होना चाहिये की रात के अँधेरे के बाद ,सूरज की किरणों से हमें दिन का उजाला मिलेगा जिस तरह रात के बाद दिन होता है हमें उसी तरह से हमें अपने आप पर आत्मविश्वाश होना चाहिए की मुश्किल समय के बाद ही सही समय का आगमन होगा क्योकि आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए आत्मविश्वाश की जरुरत होगी तभी जा के हमें हमारे जीवन में सफलता ही मिलेगी आप समझ ही गए होंगे की आत्मविश्वाश क्या है
आत्मविश्वाश का मतलब क्या है
आत्मविश्वाश का मतलब क्या है आत्मविश्वाश से लोगो अपने जीवन में सफलता मिलती है आत्मविश्वास से ही इन्सान को जिंदगी के हर मोड़ पर जीने की एक नहीं रह दिखाता है , जीवन हर जगह ,हर समय हमें इस की जरूरत होती है कभी -कभी हम जो चाहते है , वह नहीं होता है और हमने अपने मन में हजारो सपने संजोये होते है और कही न कही हमारे सपने अधूरे रह जाते है देखे हुए सपने पल भर में चकनाचूर हो जाता है बहुत दुख होता है तब जब उन सपनो के साथ हमारी कुछ उमीदे जुडी होती है ,उमगे जुड़ी होती है , इच्छाएं जुड़ी होती है ,और हम उन्हें जीने का आधार मान लेते है और हम उनके टूटने पर स्वयं को टुटा हुआ अनुभव करते लगते है और हम निराश हो जाते है और कुछ भी अच्छा नहीं लगता है यदि हम उस समय खुद को सभंल ले तो परिणाम अच्छा होगा ऐसा कर पाना बहुत ही कठिन है परन्तु यदि उस मुश्किल समय में हम खुद को सम्भल ले तो जीवन में असफलता कभी नहीं मिलेगी बस हमारे अंदर उस काम को करने की लगन होनी चाहिए सफलता अपने आप आप के कदम चूमेगी जिस व्यक्ति ने आत्मविश्वाश को अपने अंदर अपना लिया वह जीवन के किसी मोड़ पर भी असफलता नहीं मिलेगी
आत्मविश्वाश की कमी कब क्यों होती है
आत्मविश्वाश से भरपूर व्यक्ति के लिए कोई काम असम्भव नहीं है जिन लोगो में आत्मविश्वाश की कमी होती है उनके मन में भय बैठा होता है वह कुछ करने से पहले नकारात्मक पक्ष की ओर अधिक ध्यान देते है ,हो सकता है की कुछ लोग आपको काम करने का हौसला दे ,और हो सकता है की कुछ लोग आप पर हसे, कहे की आप क्या कर रहे हो ऐसा शब्दों से आप के आत्मविश्वाश को ठेश पहुँचती है और हो सकता है की उसकी बाते सुनकर आपके बढ़ते कदम पीछे मुड़ना चाहे आप काम करने से डरने लगो और अपने मन में यही सोचने लगो की हम वो काम नहीं कर सकते है ,तो आप गलत सोचते हो कभी कोई काम करे बिना हार नहीं माननी चाहिए , क्या पता आपको उस काम में जीत मिले ,अगर हमने मन में आत्मविश्वास को बनाये रखा तो हमें अवश्य ही उस काम में सफलता मिलेगी ,हमे याद रखना होगा की जीत उसी की होती है ,जिसकी अधिकांश लोग कल्पना नहीं की करते है यह बात ध्यान रखिये की कुछ नया करने वाला व्यक्ति हमेशा अधिकतर लोगो से अलग रहता है और वह जीवन में अपनी अलग पहचान बनाता है
एक बात का ध्यान देने योग्य है की हमेशा ऐसे लोगो को ही पसंद करना चाहिए जो कठिन समय में हमें हौसला दे ,हमें धीरज न खोने दे , हमें सम्भलने की हिम्मत दे , ऐसे लोगो में हमें उत्साह देखने को मिलता है उनमे हिम्मत और साहस का बड़ा समुंद्र होते है आत्मविश्वाश कैसे बढ़ाना चाहिए और और कब बढ़ता है जैसे - एक बार एक गांव में एक किसान रहता था जिसका नाम हरिया था उस गांव में सूखा पड़ जाने की वजह से उस गांव में फसल नहीं उग पाती थी
सभी गांव वाले बहुत ही परेशान रहते थे सभी गांव वाले भगवान से प्रार्थना करते की हे भगवान् बारिश हो जाए ,बहुत ही पूजा पाठ भी करते थे लेकिन सभी से अलग हरिया रोज अपने खेतो में काम करने जाता था गांव वाले हरिया को देखते और मजाक उड़ाते की बिना पानी के तुम फसल कैसे उगाओगे ,हरिया अपने खेत में एक गढढ़े खोदता था गांव वाले उससे पूछते की तुम इस गढढ़े का क्या करोगे हरिया बोलता जब बारिश होगी तो सारा पानी इस गढढ़े में एकत्रित हो जायेगा फिर उस पानी से मै अपनी फसल को ऊगा सकता हु
उसकी बाते सुनकर सभी हसने लगे की कभी ऐसा होता है ,गांव वाले बोलने लगे की जब बारिश होगी तभी हम अपने खेतो में फसल उगाएगे , यह सब सुन कर भी हरिया अपने खेत में गढढ़े खोदने का काम नहीं बंद करता वह रोज जा कर अपने खेतो में काम करता , कुछ दिन बीत जाने के बाद एक दिन रात में बारिश होने लगी ,गांव वाले बहुत ही खुश हुए की कल हम अपनी फसल को उगायेगे ,और कुछ ही घंटो में ही बारिश बंद हो गयी , सुबह होने के बाद ही सब गांव वाले अपने खेतो में पहुंच गए ,वहा जा कर देखते है तो खेतो में थोड़ा स बी पानी नहीं था ,उसी तरफ हरिया अपने खेतो में फसल बोने लगा क्योकि उसने जो गढढा बनाया था इधर - उधर सारा पानी एकत्रित हो गया था यह सब गांव वाले देख कर बहुत ही अपने आप पर अपसोस करते है और बोलते की अगर हमने हरिया की तरह अपने खेतो में गढढा खोदा होता तो हमारे खेतो में भी फसल उगती और बस हरिया के खेत में ही हरियाली थी क्योकि हरिया ने आपने आप पर आत्मविश्वाश बना के रखा और अपने काम के प्रति थोड़ा सा भी उसका आत्मविश्वाश कम नहीं हुआ
कभी आपको यह नहीं सोचना चहिये की और लोग नहीं कर रहे है तो मै क्यों करू
क्योकि हरिया ने एक जिन्दादिल और निडर ,उसे अपने काम के प्रति लगन थी वह दुसरो की बातो में नहीं आया की सब लोग भगवान् से प्रार्थना कर रहे है की बारिश हो जाए तो बारिश तो हुए लेकिन सब काम भगवान् नहीं करते है कुछ हमे भी अपने हाथ पैर चलाना होगा तभी काम आसन होगा और मन में आत्मविश्वाश होना बहुत जरुरी है
आइये और जानते
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