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सास बहू के क्लेश का उपाय-saas bahu ke klesh ka upaay

सास और बहु  का झगड़ा  पुरे संसार में   सभी झागडो मे   से प्रसिद्धि माना जाता है एक ही घर में सास बहू रहती है उनमें झगड़ा होना आम बात है यदि यह झगड़ा जरूरत से ज्यादा बड़े जाय तो घर में कलेश उत्पन्न करता है इस सास बहू के झगड़े को रोकना ही बेहतर होता है मैं आपको इस लेख के माध्यम से बताऊंगी की सास बहू का झगड़ा मिटाने का सरल उपाय,सास और बहु का झगड़ा  मिटाना नामुमकिन नहीं है बल्कि मुमकिन है यदि आपके घर में भी रोजाना झगड़ा होता है आप उस रोजाना के झगड़े से बहुत परेशान हो तो आप फिकर ना करें झगड़ा मिटाने का बिल्कुल सरल उपाय मैं आपको बताऊंगा  न तो कोई मंत्र है ना तो को  पूजा पाठ  करना है बस एक सिंपल सी ट्रिक है  अपनाने से उन दोनों में प्यार और घर में शांति का आगमन होगा घर स्वर्ग बन जायेगा, और जीवन और अच्छा लगने लगेगा, 

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बहुत सी सास और बहु मे नही बनती है इन सास बहु मे बहुत रीजन है लड़ने के , कोई जमींन और धन के लिए लड़ते है तो कोई पति और बेटे के लिए 

सास कहती है बेटा अपनी बीबी की सुनता है ,और बीबी कहती है बेटा मां की सुनता है इस दोनो के बीच मे तो बेचारा बेटा ही पिस्ता है, बेटे को तो माँ भी चाहिए और बीबी से भी 

चलो मै आपको एक कहानी बताती  हु जिससे आपको  बहुत अच्छे से समझ मे आयेगा की क्या मै आपको ये सास बहु के झगड़े मिटाने का उपाय बताने जा रही हु लिए 

सास कहती है बेटा अपनी बीबी की सुनता है ,और बीबी कहती है बेटा मां की सुनता है इस दोनो के बीच मे तो बेचारा बेटा ही पिस्ता है, बेटे को तो माँ भी चाहिए और बीबी से भी 

चलो मै आपको एक कहानी बताती  हु जिससे आपको  बहुत अच्छे से समझ मे आयेगा की क्या मै आपको ये सास बहु के झगड़े मिटाने का उपाय बताने जा रही हु 

सास बहू के क्लेश का उपाय-saas bahu ke klesh ka upaay

एक  गाँव मे एक परिवार रहता था  उस घर मे सास बहु भी रहती थी जिनकी आपस मे तु तु मै मैं रोज होती रहती थी उस घर के सभी सदस्य बहुत दुखी रहने लगे थे क्योकि घर का वातावरण बहुत खराब हो चुका था 
अगर सास दो बोलती तो बहु उसका चार सुना देती ऐसे ऐसे उनके बीच तकरार ज्यादा बढ़ती चली गयी और बहु बहुत तंग हो गयी थी 
कुछ दिन बाद एक पड़ोसन घर से एक ज्ञानी गुरु जी के पास जा रही थी  तभी उस बहु ने पूछा की आप किस इतना खुश कैसे लग रही हो 
उस पड़ोसन ने बताया की एक ज्ञानी बाबा हमारे गाँव मे आये हुये है और वह सभी समस्या का हल बताते है और उनका समाधान भी बताते है अगर तुम चाहो तो मेरे साथ उस ज्ञानी बाबा के पास चलो और अपनी समस्या उन्हे बताओ कि कि तरह तुम्हारी सास तुमसे रोज लडाई करती है 
अगले दिन वह बहु अपनी पड़ोसन के साथ ज्ञानी गुरु के पास गई और ज्ञानी गुरु को अपने घर की सारी समस्या बतानी लगी की किस तरह से उसकी सास उससे रोजना लडाई करती है  और मुझे घर की चावी दे दे 
गुरु जी ने पूछा क्या तुम अपनी सास को समय  समय पर खाना देती हो और समय पर उनकी मालिश और सेवा करती है
बहु बोलती है नही गुरु मै ऐसा बिल्कुल नही करती हु क्योकि मेरी सास मुझे हर बात पर लड़ती है 

गुरु ने बोला ठीक है बेटा 

गुरु जी बहुत ही ज्ञानी और बहुत ही समझदार थे उन्होंने बहू को एक ताबीज में एक कागज डालकर मंत्र फूंक कर दे दिया और उससे कहा कि जब तुम्हारे सास तुमसे कुछ कहे तो तुम बिना कुछ कहे इस ताबीज को मुंह में डाल लेना और काम में लगे रहना जितना भी तुम्हार  सास बोले तुम उतना ही इसे दबाते रहना जल्दी ही वह तुम्हारे बस में आ जाएगी और अपनी सास को समय पर तेल की मालिश करना और उनको समय पर खाना देना, जो तुम्हारी सास कहे उसी के मुताबिक कार्य करती जाना  क्योकि अगर तुमने ऐसा नही किया तो ताबीज का कोई असर नही होगा तुम्हारी सास पर 

बहु ने कहा ठीक है गुरु जी,आज से मै  आपके कह मुताबिक कार्य करुगी  

बहु ने वैसा ही किया जब भी उसकी सांस जीतना भी बोलती बहू उस ताबीज को मुंह में दबा लेती , और सास को समय समय पर खाना देती और सास की रोजाना मालिश करती और सास की सेवा करती 

 सास सोचने लगी कि मैं इसे इतना कुछ कहती हूं परंतु यह तो कोई उत्तर ही नहीं देती वह अकेली इतने दिनों तक कितना बोलती, जब भी उसकी सास बोलती बहु  उस तवीज को मुंह में डाल लेती और काम में लगी  रहती बहु  ने वैसा ही किया जब भी सास बोलती बहू उस तबीज को मुंह में दबा लेती कुछ दिनों तक ऐसा चलता रहा सास सोचने लगी कि मैं इसे इतना कुछ कहती रहती हूं परंतु यह तो कोई उत्तर ही नहीं देती वह अकेली इतने दिनों तक कितना बोलती  सोचने लगी  धीरे-धीरे झगड़ा कम होने लगा 1 महीने तक घर का वातावरण बिल्कुल शुद्ध हो गया और सास घर की मलकाने की चावी अपने बहु को दे दी 

और सास ने बहु से कहने लगी ये जो कुछ मैंने अपने जीवन मे बनाया है यह सब कुछ तुम्हारा तो है 


फिर बहू ने सोचा कि क्यों ना मैं गुरु जी के पास जाकर उनका धन्यवाद करो कि उनकी कृपा से हमारे घर में सुख शांति आयी है वह गुरुजी के पास गए और बोली आपकी बड़ी कृपा हुई जो आपने तवीज दिया था उसके कारण मेरी सास ने बिल्कुल बोलना बंद कर दिया है  और सास ने मुझे की घर की मलकाने की चावी भी दे दी बहु बोली आज मै बहुत खुश हु 

गुरु ने हंसकर कहा बेटी यह ताबीज का कमाल नहीं है बल्कि तुम्हारे चुपचाप रहने का फल है  यदि मै तुमसे बोलता मैं तुमसे कहता कि जब तुम्हारी सास  बोलती और तुम चुप रहो तो क्या तुम मेरी बात मानती इसलिए मैंने एक कोरा कागज ताबीज में डाल कर दिया जिसके कारण तुम चुप रहे तुम्हें चुप देखकर तुम्हारी सास ने भी बोलना बंद कर दिया जिसका परिणाम तुम्हारे सामने है

और  मैंने उसमे कोई मंत्र फूक कर नही दिया था यह जो भी तुम ने किया है वह बस  तुम्हारे मौन रहने का नतीजा  , अगर आपको कुछ बोलता है तो उसकी बातो का जबाब देना उचित नही है, बल्कि उस की बातो को सहन करने मे है, अगर कोई व्यक्ति गरम है तो आपको वहा नरम बनना होगा, क्योकि झगड़े का निवारण गरम होना नही है, बल्कि उनकी बातो को सुनकर मौन रहने मे है 

अब बात बहू की समझ में आ चुकी थी उसने घर की शांति को बनाए रखने का प्रण लिया और गुरु जी को धन्यवाद देकर वापस आ गई

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इसी प्रकार हम भी अपने घर में सुख और शांति ला सकते हैं अपने घर में तो केवल अपने हैं फिर अपनों से कैसी तकरार जिन अपनों के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं फिर एका एक इतनी कड़वाहट हमारे अंदर क्यों भर जाती हैं हमें तो अपनों को हर खुशी देनी है और घर को सजाना है सुंदर वस्तुओं से और ढेर सारे प्यार से क्योंकि घर प्यारा सा नाम है जहां आकर प्यार का एहसास होता है
अपना गम लेकर कहीं और ना जाया जाए घर में बिखरी  अशांति को फूलों से सजाया जाए
यदि हमारे रिश्तो को प्यार की कड़ी ने जोड़ रखा है तो कोई बुरी बला हमारे घर की ओर मुंह नहीं कर सकती हमारे घर में हमारे बीते समय की यादें होती है हमारी शरारते हमारा बचपन हमारी जिंदगी होती है और इन्हीं सब से हमारा प्यार बनता है और समझता है परंतु हमने कभी इन बातों की ओर ध्यान ही नहीं दिया हम शायद सोच ही नहीं पाए कि हमारा घर में कलेश हमारे लिए क्या अर्थ रखता है
इसका एहसास तब होता है जब हम अपने घर के लोगों से दूर होते हैं तब हमें उनकी याद आती है उनकी बातें उनकी यादें उनका साथ उनका रहन-सहन उनका लगाव यहां तक की पालतू जानवर भी याद आ जाता है
दूर होकर ही रिश्तो की कमी महसूस होती है रिश्तो की कदर भी पता चलती है रिश्ते क्या होते हैं जो दूर है वह मजबूर है लेकिन जो पास है क्यों उनसे  वंचित है जो घर में होते हुए भी घर में नहीं होते परिवार में रहकर भी परिवार से दूर होते हैं ऐसे लोग खुशियों के बीच होते हुए भी उन्हें महसूस नहीं कर पाते और स्वयं ही सुखों की ओर पीठ कर लेते हैं जो सुख सेवा और सहायता करने में है और कहीं और नहीं है अपनों की चिंता बड़ों का प्यार बड़ों का सत्कार बड़ों की सेवा अपनों से बढ़कर कोई और नहीं कर सकता घर में किसी के बीमार होने पर जो देखभाल मां बाप भाई बहन पति पत्नी अथवा बेटी बेटा कर सकते हैं वह एक नर्स नहीं कर सकती इसीलिए रिश्तो की कदर करना सीखे जो रिश्तो को निभाना जानते हैं उनकी कदर करना जानते हैं वह कभी तन्हा नहीं करते रिश्ते सदैव उनके साथ साथ चलते हैं इसलिए सभी से प्यार करते चले जाए किसी को भी दुख ना पहुंचे घरों को बचाने का काम करना कि उजाड़ने  का नही जितना हो सके अपनो से प्यार करें प्रेम से तो घर स्वर्ग बन जाता है नफरत को यहीं रोक ले इसे और बढ़ने ना दे वरना इसे रोका रोक पाना कठिन ही नहीं असंभव हो जाएगा

दोस्तो इस कहानी से हमे  यही सीख मिलती है की हमे अपने छोटे बड़े सदस्य की इज्जत करनी चाहिए  घर मे कलेश तो सबके घरों मे होता है लेकिन उस कलेश का निवारण बस कुछ चन्द लोगो के पास होता है 

अगर घर मे थोड़ी लडाई हो जाती है तो सब उस रिश्ते से दूर होने के लिए बिल्कुल नही सोचते है, उनके यह कदम उठाने से उनके परिवार पर क्या असर पड़ता है 

घर मे थोड़ा सा कलेश हो जाए सास और बहु  तो बहु अलग होने के लिये तैयार हो जाती है लेकिन अलग होने की वजह उन समस्याओं का हल निकालना बहुत जरूरी है

दोस्तों अगर आपको यह सास बहु के कलेश का उपाय अच्छा लगा हो तो मुझे कॉमेंट करे और बातये आपको यह लेख कैसा लगा है और अपने परिवार वालो को भी शेयर करे

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