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एक विजनसमैन की कहानी -Motivation Story in Hindi For Depression

 हैलो  दोस्तों कई  बार हमारे जीवन में ऐसे उतार - चढ़ाव आते है जो हमें लगता है की अब हमारा सारा जीवन ख़राब हो चूका है अनेक तरह के मन में बुरे -बुरे ख्याल आने लगते है कीअब  हमारा मर जाना अच्छा होगा  अपने आप को नुकसान  पहुंचते है और अपने परिजनों से भी बात नहीं करते  और उनका कोई काम करने में मन भी नहीं लगता है इस वजह से वह डिप्रेशन के शिकार हो जाते है दोस्तों दुनिया इतनी छोटी नहीं है फिर भी लोग हार मानने से पहले हार  मान लेते है और अपना जीवन व्यर्थ  करने लगते है ये मान लेते है की हम तो हार गए है हम नहीं कर सकते है

आज मै  इस लेख के माध्यम से आपको एक कहानी  बातने जा रही हु जो आपके सोच  के साथ- साथ आपको डिप्रेशन से भी बाहर  निकाल देगी

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एक विजनसमैन  की कहानी  -Motivation Story in Hindi  For Depression 

  एक शहर में एक संतोष   नाम का व्यक्ति रहता था वह एक  विजनसमैन   था  जो अपने घर परिवार मे खुश रहता था  जो अपने घर के साथ अपने  काम को और अपनी कारोबार को बहुत अच्छे से देख रेख का रहा था उसकी कम्पनी में  बहुत से लेबर  काम करते थे धीरे - धीरे  उसकी कम्पनी जोरो  -सोरो से चलने लगी और वहाँ के काम करने वाले कर्मचारी भी  संतोष को बहुत पसन्द करते थे वो भी अपने मालिक से खुश थे संतोष सभी कर्मचारी से बहुत लगाव रखता था  एक कर्मचारी से ज्यादा लगाव रखता था  जहाँ जाता वहाँ उसे लेकर जाता था 

चाहे वो वह कोई दूसरे कंपनी  के मालिक के पास जाना हो चाहे कोई पेमेंट देना हो या लेना हो धीरे - धीरे उस कर्मचारी को उसके काम करने का तरीका और काम करने का तजुर्बा  हो गया था 

संतोष को नहीं पता था की उसका कर्मचारी उसे  धोखा देगा 

कुछ दिन बीतता गया और कुछ दिन बाद उसकी कम्पनी के सामने एक कर्मचारी ने  अपनी खुद की कम्पनी खोल ली और धीरे -धीरे संतोष  के कम्पनी के और सभी लेबर को अपने तरफ कर लिया और अपनी कम्पनी में सबको झूटा वादा करने लगा की उस कम्पनी से डबल  पैसे दुगां  दूसरी कम्पनी वालो  ने अपने प्रोडक्ट की कीमत मे गिरावट कर दिया और उसका प्रोडक्ट तेजी से बिकने लगा 

फिर क्या संतोष ने अपने प्रोडक्ट की कीमत मे कोई गिरावट नही किया उसको कंपनी मे नुकसान होने लगा और अपने कर्मचारीयो को भी समय से  सैलरी नही दे पाता था फिर उस कम्पनी के कर्मचारी क्या करते उन्हें भी तो अपना घर का खर्चा चलाना था 

फिर उस कम्पनी के सारे लेबर चले गए और दूसरी कम्पनी मे काम  करने लगे और वह संतोष के साथ भी काम करना  पसंद करते थे लेकिन कितने दिन संतोष  के साथ  काम करते क्योकि  उसकी कंपनी धीरे-धीरे बंद होने लगी और बाकी कम्पनी  उससे प्रोडक्ट लेना ही बंद कर दिये थे जिस के वजह से  उसकी  कम्पनी बहुत  घाटे में चल रही थी क्योकि  दूसरी कंपनी वाले ने उस के प्रोडक्ट को उससे सस्ते में बेचने लगा

संतोष  धीरे - धीरे  डिप्रेस्शन का शिकार हो गया की उसके पास कोई काम नहीं बचा और उसका मन काम मे भी नही लगत था और वह अपने परिवार वालो से भी अच्छे से बात नहीं करता था उसे लगता था की उसका जीवन यही तक है उसका जीवन जीने का कोई फायदा नहीं है  

अब वह  अपने आप को नुकसान पहुंचने लगा की और बहुत ज्यादा सोचने  लगा की अब तो उसका सब कुछ बर्बाद हो गया बहुत दिनों तक ऐसा ही चलता रहा उसकी बीवी उसे देख कर बहुत परेशान रहती थी 

एक दिन वह मंदिर गयी और भगवान् से बोलने लगी हे भगवान् मेरे पति को डिप्रेशन से  निकाल दो वह भगवान्  से बात कर रही  थी उस समय उसकी बात एक बूढ़ा  व्यक्ति  सब  सुन रहा था  उन्होंने पूछा अभी  तुम्हारे पति कहा है बेटा  , बीवी ने बोला घर पर 

बूढ़े व्यक्ति ने बोला क्या तुम अपने पति को कल यहाँ पर लेके आओगी मै  उसे समझाता हु बीवी ने बोला  ठीक है बाबा   

दूसरे दिन उसकी बीवी   अपने पति के साथ उस बूढ़े व्यक्ति के पास  पहुँचती  है

उस बूढ़े व्यक्ति ने अपने पास बुला कर उससे उसका हाल चाल पूछा लेकिन संतोष  ने कोई जबाब  नहीं दिया और वह बूढ़ा व्यक्ति एक पेड़  के नीचे बैठे  हुआ था 

उन्होंने ने बताया की कल बहुत जोरो से आंधी तूफान  आया था  संतोष ने बोला  तो मै  क्या करू

बूढ़े व्यक्ति ने बोला इस पेड़ के ऊपर  चिड़िया ने अपना  घोसला बनाया था कल आधी  तूफान आने की वजह से उसका घर -परिवार और खाने का सामान   सब कुछ तूफान ने नष्ट कर दिया 

और वह आज बेघर  हो गयी है उसके पास कुछ खाने को भी नहीं है वह अपने बच्चो को क्या खिलाएगी 

उस बूढ़े व्यक्ति ने बोला उस चिड़िया को ध्यान से देखो उसका सब कुछ खो जाने के बाद भी वह अपने घर को दोबारा बनाने में लकड़ियाँ  लेके इस  ही पेड़ पर  घोसला  बनाने की कोशिश कर रही है वह अपने घर  बनाने के लिए एक छोटी से छोटी लकड़ी लेकर आ रही है लेकिन उसे नहीं पता है की कौन सी लकड़ी से जल्दी घोसला तैयार हो जायेगा , वह तिनका - तिनका जोड़ रही है वह  चिड़िया छोटे -छोटे प्रयास कर रही है उसे पता है आज नहीं कल वह अपना नया घोसला बना लेगी  

क्योकि क्योकि कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती है बस थोड़ा  मुश्किल होता है लेकिन मुश्किल वक्त कुछ ही  समय के लिए होता है जैसे -जब अँधेरी  रात होती है ,अगले दिन रोशनी वाली सुबह भी तो  होती है      

उस चिड़िया की एक दिन में उसकी दुनिया ख़त्म हो गयी फिर भी वह अपने घर को दोबारा  बनाने में लगी है बूढ़े  व्यक्ति ने बोला भगवान् ने  सभी जानवरो,पक्षियों , को एक सामान बनाया है लेकिन इंसनों को जानवरो से अलग  इंसानो को सोचने समझने की अच्छे बुरे की पहचान  करने की क्षमता होती है ,इंसानो को जानवरो से सबसे अलग बनाया है 

बूढ़े  व्यक्ति ने बोला  अगर वह चिड़िया अपना दोबारा घोसला  बना सकती है फिर तुम क्यों नहीं अपनी कम्पनी को दोबारा चालू कर सकते हो  तुम्हारी  कम्पनी जो जोरो का आया आधी तूफान की वजह से नष्ट हो गयी ,उसको फिर से पटरी पर ला सकते हो एक बात  हमेशा याद रखना छोटे - छोटे प्रयास से ही जिंदगी   आगे  बढ़ती है जिंदगी में हार जीत तो होती है  जिंदगी तो  जीने का नाम है न की जिंदगी में हारने की   

याद रहे बेटा  कोई दूसरा व्यक्ति तुम्हारी जैसी कम्पनी चालू कर लेगा  और वह सब कुछ तुम्हारा छीन  लेगा  ,लेकिन एक बात हमेशा याद रखना कोई आपका सब कुछ क्यों न छीन ले, लेकिन आपकी सोच ,आपकी किस्मत ,और आपके काम करने का तरीका ,और आपके अंदर की बुद्विमानी ,आपके अंदर का ज्ञान ,इन  सभी गुण को कोई  आपसे नहीं छीन सकता 

हार मनाने से पहले कभी हार नहीं माननी  चाहिए चाहे जिंदगी की जंग हो या संसार के सुखो की  जैसे उस चिड़िया ने हार नहीं मानी वैसे अपने हौसले को बनाये रखने में  बुद्धिमानी है 

उस व्यक्ति की बाते सुनकर संतोष  की आखे खुल गयी  की वह भी अपनी कम्पनी दोबारा से पटरी पर लाएगा उसे जिंदगी का वह पल समझ में आ गया की मैंने इतना समय सोचने में बिता दिया काश मैंने पहले ही अपनी कम्पनी में काम किया होता  आपको भी पता है बिजनस मे कभी फायदा और कभी नुकसान  भी होता है लेकिन दोस्तों यह  मिला जीवन  बहुत ही अनमोल है इसे  ऐसे न जियो  ,जिससे  तुम्हारे साथ -साथ दुसरो को भी तकलीफ हो  इस मेले जीवन को जिंदादिल होकर जिओ  

कभी अपने दिमाग पर जोर डालना की हमन ये गलती करने के बाद क्या खोया और क्या पाया है

 यह भी पढ़े -दुःख और सुख में अंतर क्या है

जीवन में खुशिया क्या है  

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इस कहानी से क्या सीख  मिलती है -

हम सभी को कई  बार अपने आस -पास बहुत से  लोगो में डिप्रेशन को देखा होगा कोई ,बिजनस में फेल होने की वजह से ,कोई परीक्षा में फेल होने की वजह से ,या फिर  कोई घर में कलेश  होने की वजह से आदि जीवन में हो रहे परिवर्तन  के  वजह से डिप्रेशन के शिकार होते है और आपको पता है  गलत कब होता है जब हैं हम  खुद ही मान लेते है और अंदर से टूट जाते है तब हम  डिप्रेशन का शिकार हो जाते है

मै इन सभी डिप्रेशन समस्या को दूर करने के लिए एक ही सॉलूशन बताती हु आप कभी भी डिप्रेशन में हो तो अपने माता -पिता ,दोस्तों जो आपके ज्यादा  दिल के करीब हो ,की बातो पर ज्यादा ध्यान दो वह आपको क्या कहना चाहते है और क्या कह रहे है और उनकी बातो पर गौर करे  माता पिता कभी किसी को दुःख में नहीं देख सकते है और हमेशा अपने बच्चों का भला ही चाहते है

अगर किसी काम में आपको सफलता नहीं मिल रही है तो आप उस काम को दोबारा करो जब तक आपको सफलता नहीं मिले क्योकि याद रखना जब  धरती पर बारिश होती है तब वह किसी के लिए फायदा होता है ,और किसी का नुकसान होता है ,और किसी को उस बारिश में आनंद मिलता है 

बारिश का मजा सब अलग -अलग तरीके से लेते  है बारिश जब होती है जब सबके ऊपर गिरती है तब यह नही देखती कौन गरीब है,या अमीर है,ना ही कौन काला है या गोरा वह सब पर एक समान गिरती है लेकिन वह जो शक्ति है ,या  भगवान् कह लो  ,आप कुछ भी कह लो ,जब यह शक्ति लोगो को मिलती है बारिश की तरह एक सामान  मिलती है 

लेकिन हर व्यक्ति का लेने का तरीका अलग होता है कोई किस तरह से लेता है  इसी  तरह जब खुश रहते है तब हमारे जीवन में समय कम होता और दुःख हमे पहाड़ की तरह लगता है  जैसे सुख में जीवन जीते है वैसे दुःख में जीवन जीना सीखे 

जीवन जीना आसान हो जायेगा ,आप ये सोच रहे हो की बाते तो सब कर लेते है पर कोई अपने अंदर नहीं ढाल पाते ,लेकिन आप गलत सोच रहे है करने को आप वो कर सकते हो जिसकी अपने कभी कल्पना नहीं की है अगर हमने अपनी सोच को अच्छी बना ली दुनियाका  दिया हुआ चाहे छल हो, दुःख हो , या सुख हो सब मे अच्छे से जीवन को जी सकते है  ,आपका जीवन बहुत बहुमूल्य है ऐसे ही व्यर्थ न करे 

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